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सुतियांबे में एक मंच पर जुटे सामाजिक,धार्मिक और पड़हा राजा

Ranchi: खूंटकटी मुंडा धर्म सभा और सरना संगोम खूंटी के आह्वान पर बुधवार को राज्यभर से एक मंच पर आदिवासी मुंडा समाज और धार्मिक अगुवाओं का महाजुटान हुआ. इसमें ओडिशा, बंगाल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, असम समेत स्थानीय सैकड़ों खोड़हा मंडली शामिल हुईं. मुख्य पाहन अरविंद पाहन के नेतृत्व में सैकड़ों पाहनों ने कोम्पाट और आदि शक्ति की विधिवत पूजा अर्चना संपन्न की. इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि राज्य का एकमात्र मुंडा जनजाति है, जिसके नाम से खतियान बना और छोटानागपुर का मुंडा जनजाति प्रकृति शक्ति का मुख्य पुजारी है. मुंडा जनजाति पंचायत का प्रमुख होता है और गांव तथा पड़हा व्यवस्था का संचालन करने में निपुण होते हैं.वक्ताओं ने यह भी कहा कि आज मुंडा समाज पर आर्थिक, राजनीतिक, शैक्षिक और व्यवसायिक तरीके से हमले हो रहे हैं. इसके लिए गांव, पंचायत, शहर और जिला स्तर पर मुंडाओं को राजनीतिक रूप से जागरूक होना होगा. तभी मुंडा समाज पर हो रहे हमलों को रोका जा सकता है. मुंडा समाज की अपनी मुंडारी भाषा है, जो राज्य में सबसे अधिक बोली जाने वाली जनजातीय भाषा है, लेकिन आज तक इसे आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया गया है. https://lagatar.in/wp-content/uploads/2025/02/Untitled-7-8.jpg">

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स्थानीय भूमाफियाओं के कारण मुड़हर पाहड़ पर तेजी से हो रहा है अतिक्रमण

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alt="" width="600" height="400" /> सामाजिक कार्यकर्ता प्रेम शाही मुंडा, कुंदरसी मुंडा, खूंटकटी मुंडा धर्म सभा के अध्यक्ष शैलेश पाहन, सचिव देवेंद्र पाहन और कार्यकारी अध्यक्ष मनीष मुंडा ने कहा कि आज स्थानीय भूमाफियाओं के कारण मुड़कर पाहड़ पर तेजी से अतिक्रमण हो रहा है. इसे रोकने के लिए सभी मुंडाओं को एकजुट होना होगा. मुंडाओं को शराब से दूर रहना होगा और जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए भूमाफिया तंत्र को पहचानना होगा. अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए गांव के साथ सामंजस्य बनाए रखना होगा.

गोतिया को लड़वाकर और डिलिस्टिंग के माध्यम से पहनई जमीन पर हो रही सेंधमारी

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alt="" width="600" height="400" />   आयोजन समिति के लोगों ने कहा कि आज पाहन पर धार्मिक हमले किए जा रहे हैं. भोले-भाले आदिवासी समाज को डिलिस्टिंग कराकर भूमाफियाओं ने इनकी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करना शुरू कर दिया है. इन्हें जानबूझकर फंसाया जा रहा है. मुंडा समाज के नेतृत्वकर्ताओं को पहचानकर उनकी हत्या करने की साजिश रची जा रही है. मुंडा समाज की राजनीतिक शक्ति को दबाने का प्रयास किया जा रहा है. मुंडा समाज की भाषा, संस्कृति और इतिहास पर भी हमले हो रहे हैं और उनकी धरोहरों पर अवैध कब्जा करने का प्रयास हो रहा है. चारों ओर से मुंडा समाज की एकजुटता को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है.मौके पर हेमंत मुंडा, दीपक मुंडा, अमीन मुंडा, सीताराम मुंडा, सरदार मुंडा, सधन उरांव, रामगढ़ से नरेश मुंडा, रामेश्वर पाहन, जिला परिषद सदस्य कमिश्नर मुंडा, पूर्व प्रमुख सत्यनारायण मुंडा समेत अन्य लोग भी उपस्थित थे.
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